Lakshmi (लक्ष्मी मंत्र)

Lakshmi is the Hindu goddess of wealth, fortune, and prosperity. In modern times, Lakshmi is worshiped as the goddess of wealth. She is also worshipped as the consort of Vishnu in many temples.

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स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे । महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥

भावार्थ :

हे देवि ! तुम स्थूल, सूक्ष्म एवं महारौद्ररूपिणी हो, महाशक्ति हो, महोदरा हो और बडे-बडे पापों का नाश करने वाली हो। हे देवि महालक्ष्मी ! तुम्हें नमस्कार है ।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि । परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥

भावार्थ :

हे कमल के आसन पर विराजमान परब्रह्मस्वरूपिणी देवि ! हे परमेश्वरि ! हे जगदम्ब ! हे महालक्ष्मी! तुम्हें मेरा प्रणाम है ।

श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते । जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥

भावार्थ :

हे देवि तुम श्वेत वस्त्र धारण करने वाली और नाना प्रकार के आभूषणों से विभूषिता हो। सम्पूर्ण जगत् में व्याप्त एवं अखिल लोक को जन्म देने वाली हो। हे महालक्ष्मी ! तुम्हें मेरा प्रणाम है ।

पद्मालयां पद्मकरां पद्मपत्रनिभेक्षणाम् । वन्दे पद्ममुखीं देवीं पद्मनाभप्रियामहम् ॥

भावार्थ :

कमल ही जिनका निवास स्थान है, कमल ही जिनके कर कमलों में सुशोभित है तथा कमल दल के समान ही जिनके नेत्र हैं उन कमलामुखी कमलनाभ प्रिया श्रीकमला देवी की मैं वन्दना करता हूँ ।

विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम् । लक्ष्मीं प्रियसखीं भूमिं नमाम्यच्युतवल्लभाम् ॥

भावार्थ :

भगवान् विष्णु की भार्या, क्षमास्वरूपिणी, माधवी, माधवप्रिया, प्रियसखी, अच्युतवल्लभा, भूदेवी भगवती लक्ष्मी को मैं नमस्कार करता हूँ ।

कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् । पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ॥

भावार्थ :

जो साक्षात् ब्रह्मरूपा, मन्द-मन्द मुसकरानेवली, सोने के आवरण से आवृत, दयार्द्र, तेजोमयी, पुर्णकामा, भक्तनुग्रहकारिणी, कमल के आसन पर विराजमान तथा पद्यवर्णा हैं, उन लक्ष्मी देवी का मैं यहाँ आवाहन करता हूँ ।