Durga Mantra (दुर्गा मंत्र)

Durga(दुर्गा) is the principal form of the Goddess, also known as Devi and Shakti in Hinduism. Durga means "the inaccessible" or "the invincible". She is considered to be the combined forms of Goddess Lakshmi, Goddess Saraswati and Goddess Kali. Durga Mantra is considered most effective and secret Mantra and has power to fulfill all suitable desires.

Here you can find many mantra of Goddess Maa Durga.

Image of Duga Ji

बुद्धिं देहि यशो देहि कवित्वं देहि देहि मे । मूढत्वं च हरेद्देवि त्राहि मां शरणागतम् ॥

भावार्थ :

हे देवि ! आप मुझे बुद्धि दें, कीर्ति दें, कवित्वशक्ति दें और मेरी मूढता का नाश करें । आप मुझ शरणागत की रक्षा करें ।

जडानां जडतां हन्ति भक्तानां भक्तवत्सला । मूढ़ता हर मे देवि त्राहि मां शरणागतम् ॥

भावार्थ :

आप मूर्खों की मूर्खता का नाश करती हैं और भक्तों के लिये भक्तवत्सला हैं । हे देवि ! आप मेरी मूढ़ता को हरें और मुझ शरणागत की रक्षा करें ।

सौम्यक्रोधधरे रुपे चण्डरूपे नमोऽस्तु ते । सृष्टिरुपे नमस्तुभ्यं त्राहि मां शरणागतम् ॥

भावार्थ :

सौम्य क्रोध धारण करनेवाली, उत्तम विग्रहवाली, प्रचण्ड स्वरूपवाली हे देवि ! आपको नमस्कार है । हे सृष्टिस्वरूपिणि आपको नमस्कार है । आप मुझ शरणागत की रक्षा करें ।

घोररुपे महारावे सर्वशत्रुभयङ्करि । भक्तेभ्यो वरदे देवि त्राहि मां शरणागतम् ॥

भावार्थ :

भयानक रूपवाली, घोर निनाद करनेवाली, सभी शत्रुओं को भयभीत करनेवाली तथा भक्तों को वर प्रदान करनेवाली है देवि ! आप मुझ शरणागत की रक्षा करें ।

नमो देवी महाविद्ये नमामि चरणौ तव । सदा ज्ञानप्रकाशं में देहि सर्वार्थदे शिवे ॥

भावार्थ :

हे देवि ! आपको नमस्कार है । हे महाविद्ये ! में आपके चरणों में बार-बार नमन करता हूँ । सर्वार्थदायिनी शिवे ! आप मुझे सदा ज्ञानरूपी प्रकाश प्रदान कीजिये ।

विद्या त्वमेव ननु बुद्धिमतां नराणां शक्तिस्त्वमेव किल शक्तिमतां सदैव । त्वं कीर्तिकान्तिकमलामलतुष्टिरूपा मुक्तिप्रदा विरतिरेव मनुष्यलोके ॥

भावार्थ :

आप निश्चय ही सदा से बुद्धिमान् पुरुषों की विद्या तथा शक्तिशाली पुरुषों की शक्ति हैं । आप कीर्ति, कान्ति, लक्ष्मी तथा निर्मल तुष्टिस्वरूपा हैं और इस मनुष्य लोक में आप ही मोक्ष प्रदान करने वाली विरक्तिस्वरूपा हैं ।