Durga Mantra (दुर्गा मंत्र)

Durga(दुर्गा) is the principal form of the Goddess, also known as Devi and Shakti in Hinduism. Durga means "the inaccessible" or "the invincible". She is considered to be the combined forms of Goddess Lakshmi, Goddess Saraswati and Goddess Kali. Durga Mantra is considered most effective and secret Mantra and has power to fulfill all suitable desires.

Here you can find many mantra of Goddess Maa Durga.

Image of Duga Ji

जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते ॥

भावार्थ :

जयन्ती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, शिवा, धात्री, स्वाहा और स्वधा - इन नामों से प्रसिद्ध जगदम्बिके ! आपको नमस्कार है ।

निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम् ।​ ​ वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥

भावार्थ :

शुम्भ तथा निशुम्भ का संहार करनेवाली, चण्ड तथा मुण्ड का विनाश करनेवाली, वन में तथा युद्धस्थल में पराक्रम प्रदर्शित करनेवाली भगवती विन्ध्यवासिनी की मैं आराधना करता हूँ ।

विवादे विषादे प्रमादे प्रवासे जले चानले पर्वते शत्रुमध्ये ।​ अरण्ये शरण्ये सदा मां प्रपाहि गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥

भावार्थ :

हे शरण्ये ! तुम विवाद, विषाद, प्रमाद, परदेश, जल, अनल, पर्वत, वन तथा शत्रुओं के माध्य में सदा ही मेरी रक्षा करो, हे भवानी ! अब केवल तुम्हीं मेरी गति हो, तुम्हीं मेरी गति हो ।

अनाथो दरिद्रो जरारोगयुक्तो महक्षीणदीन: सदा जाड्यवक्त्रः ।​ विपत्तौ प्रविष्टः प्रणष्ट: सदाहं गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥

भावार्थ :

हे भवानी ! मैं सदा से ही अनाथ, दरिद्र, जरा-जीर्ण, रोगी, अत्यन्त दुर्बल, दीन, गूँगा, विपद्ग्रस्त और नष्टप्राय हूँ अब एकमात्र तुम्हीं मेरी गति हो, तुम्हीं मेरी गति हो ।