गणेश जी निराकार दिव्यता हैं जो भक्त के उपकार हेतु एक अलौकिक आकार में स्थापित हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। गण का अर्थ है समूह। यह पूरी सृष्टि परमाणुओं और अलग अलग ऊर्जाओं का समूह है। यदि कोई सर्वोच्च नियम इस पूरी सृष्टि के भिन्न-भिन्न संस्थाओं के समूह पर शासन नहीं कर रहा होता तो इसमें बहुत उथल-पुथल हो जाती। इन सभी परमाणुओं और ऊर्जाओं के समूह के स्वामी हैं गणेश जी। वे ही वह सर्वोच्च चेतना हैं जो सर्वव्यापी है और इस सृष्टि में एक व्यवस्था स्थापित करती है।
वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ॥हे हाथी के जैसे विशालकाय जिसका तेज सूर्य की सहस्त्र किरणों के समान हैं । बिना विघ्न के मेरा कार्य पूर्ण हो और सदा ही मेरे लिए शुभ हो ऐसी कामना करते है ।
O giant like an elephant, whose glory is like a thousand rays of the sun. I wish that my work gets completed without any hindrance and good luck always happens to me.
नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं ।
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च ॥मैं उन भगवान् गजानन की वन्दना करता हूँ, जो समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाले हैं, सुवर्ण तथा सूर्य के समान देदीप्यमान कान्ति से चमक रहे हैं, सर्पका यज्ञोपवीत धारण करते हैं, एकदन्त हैं, लम्बोदर हैं तथा कमल के आसनपर विराजमान हैं ।
I worship Lord Gajanan, who fulfills all desires, Shining with gold and resplendent radiance like the sun, Sarpaka wears the sacred thread, has one tooth, is lambodar and sits on a lotus seat.
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं ।
विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम् ॥जो एक दाँत से सुशोभित हैं, विशाल शरीरवाले हैं, लम्बोदर हैं, गजानन हैं तथा जो विघ्नोंके विनाशकर्ता हैं, मैं उन दिव्य भगवान् हेरम्बको प्रणाम करता हूँ ।
I bow to the divine Lord Heramba, who is adorned with a single tooth, has a huge body, is Lambodar, has Gajanana and is the destroyer of obstacles.
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥विघ्नेश्वर, वर देनेवाले, देवताओं को प्रिय, लम्बोदर, कलाओंसे परिपूर्ण, जगत् का हित करनेवाले, गजके समान मुखवाले और वेद तथा यज्ञ से विभूषित पार्वतीपुत्र को नमस्कार है ; हे गणनाथ ! आपको नमस्कार है ।
Vighneshwar, giver of boons, beloved of gods, Lambodar, full of arts, world Salutations to the son of Parvati, who is beneficial to the world, has a face like a gazelle and is adorned with Vedas and Yagyas; Hey Gananath! Greetings to you .
मूषिकोत्तममारुह्य देवासुरमहाहवे ।
योद्धुकामं महावीर्यं वन्देऽहं गणनायकम् ॥श्रेष्ठ मूषक पर सवार होकर देवासुरमहासंग्राम में युद्ध की इच्छा करनेवाले महान् बलशाली गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Ganesha, the great and powerful commander, who wishes to fight in the great battle between gods and demons, riding on the best mouse.
अम्बिकाहृदयानन्दं मातृभिः परिवेष्टितम् ।
भक्तिप्रियं मदोन्मत्तं वन्देऽहं गणनायकम् ॥भगवती पार्वती के हृदय को आनन्द देनेवाले, मातृकाओं से अनावृत, भक्तों के प्रिय, मद से उन्मत्त की तरह बने हुए गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Lord Ganesha, who gives joy to the heart of Goddess Parvati, is free from matrikas, is beloved by the devotees, and is made like a man mad with intoxication.
जय सिद्धिपते महामते जय बुद्धीश जडार्तसद्गते ।
जय योगिसमूहसद्गुरो जय सेवारत कल्पनातरो ॥हे सिद्धिपते ! हे महापते ! आपकी जय हो । हे बुद्धिस्वामिन् ! हे जड़मति तथा दुःखियों के सद्गति-स्वरूप ! आपकी जय हो ! हे योगियों के सद्गुरु ! आपकी जय हो । हे सेवापरायणजनों के लिये कल्पवृक्षस्वरूप ! आपकी जय हो !
Hey Siddhipate! O great father! Hail thee . O wise lady! O embodiment of salvation for those who are inert and suffering! Hail thee ! O master of yogis! Hail thee . O the embodiment of Kalpavriksha for those devoted to service! Hail thee !
किं स्तौमि त्वां गणाधीश योगशान्तिधरं परम् ।
वेदादयो ययुः शान्तिमतो देवं नमाम्यहम्॥गणाधीश ! आप योगशान्तिधारी उत्कृष्ट देवता हैं, मैं आपको क्या स्तुति कर सकता हूँ ! आपकी स्तुति करने में तो वेद आदि भी शान्ति धारण कर लेते हैं अतः मैं आप गणेश देवता को नमस्कार करता हूँ ।
Ganadhish! You are an excellent God with peace of mind, what can I praise you for? Even Vedas etc. are in praise of you. You assume peace, hence I salute you Lord Ganesha.
ब्रह्मभ्यो ब्रह्मदात्रे च गजानन नमोऽस्तु ते ।
आदिपूज्याय ज्येष्ठाय ज्येष्ठराजाय ते नमः ॥आप ब्राह्मणों को ब्रह्म देते हैं, हे गजानन ! आपको नमस्कार है । आप प्रथम पूजनीय, ज्येष्ठ और ज्येष्ठराज हैं, आपको नमस्कार है ।
You give Brahma to the Brahmins, O Gajanan! Greetings to you . You are the first venerable, eldest and eldest king, salutations to you.
अनामयाय सर्वाय सर्वपूज्याय ते नमः ।
सगुणाय नमस्तुभ्यं ब्रह्मणे निर्गुणाय च ॥आप रोगरहित, सर्वस्वरूप और सबके पूजनीय हैं आपको नमस्कार है । आप ही सगुन और निर्गुण ब्रह्म हैं, आपको नमस्कार है ।
You are disease free, perfect in form and worshipable by all, salutations to you. You are Sagun and Nirgun Brahma, salutations to you.
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुःकामार्थसिद्धये ॥भक्तके हृदयमें वास करनेवाले गौरी पुत्र विनायक को वंदन करने के पश्चात , दीर्घायु , सुख -समृद्धि एवं सर्व इच्छा पूर्ति हेतु उनका अखंड स्मरण करना चाहिए !
After worshiping Gauri's son Vinayak, who resides in the heart of the devotee, one should remember him continuously for long life, happiness, prosperity and fulfillment of all wishes.
नमस्ते योगरूपाय सम्प्रज्ञातशरीरिणे ।
असम्प्रज्ञातमूर्ध्ने ते तयोर्योगमयाय च ॥हे गणेश्वर ! सम्प्रज्ञात समाधि आपका शरीर तथा असम्प्रज्ञात समाधि आपका मस्तक है । आप दोनों के योगमय होने के कारण योगस्वरूप हैं, आपको नमस्कार है ।
Hey Ganeshwar! Samprajnata Samadhi is your body and Asamprajnata Samadhi is your head. Due to the combination of both of you, you are an embodiment of yoga, salutations to you.
वामाङ्गे भ्रान्तिरूपा ते सिद्धिः सर्वप्रदा प्रभो ।
भ्रान्तिधारकरूपा वै बुद्धिस्ते दक्षिणाङ्गके ॥प्रभो ! आपके वामांग में भ्रान्तिरूपा सिद्धि विराजमान हैं, जो सब कुछ देनेवाली हैं तथा आपके दाहिने अंग में भ्रान्तिधारक रूपवाली बुद्धि देवी स्थित हैं ।
Lord! In your right side resides Siddhi in the form of illusion, who is the giver of everything and in your right side resides the goddess of wisdom in the form of illusion.
मायासिद्धिस्तथा देवो मायिको बुद्धिसंज्ञितः ।
तयोर्योगे गणेशान त्वं स्थितोऽसि नमोऽस्तु ते ॥भ्रान्ति अथवा माया सिद्धि है और उसे धारण करनेवाले गणेशदेव मायिक हैं । बुद्धि संज्ञा भी उन्ही की है । हे गणेश्वर ! आप सिद्धि और बुद्धि दोनों के योग में स्थित हैं । आपको बारम्बार नमस्कार है ।
Illusion or illusion is Siddhi and the one who holds it is Lord Ganesha, Mayaik. The noun 'buddhi' also belongs to him. Hey Ganeshwar! You are situated in the combination of both accomplishment and intelligence. Greetings to you again and again.
जगद्रूपो गकारश्च णकारो ब्रह्मवाचकः ।
तयोर्योगे गणेशाय नाम तुभ्यं नमो नमः ॥गकार जगत्स्वरूप है और णकार ब्रह्मका वाचक है । उन दोनों के योग में विद्यमान आप गणेश-देवता को बारम्बार नमस्कार है ।
Gakar is the form of the world and Nakar is the narrator of Brahma. I salute you again and again to Lord Ganesha who is present in the combination of both of them.
चौरवद्भोगकर्ता त्वं तेन ते वाहनं परम् ।
मूषको मूषकारूढो हेरम्बाय नमो नमः ॥आप चौर की भाँति भोगकर्ता हैं, इसलिए आपका उत्कृष्ट वाहन मूषक है । आप मूषक पर आरूढ़ हैं । आप हेरम्ब को बारम्बार नमस्कार है ।
You are an enjoyer like a chaur, hence your excellent vehicle is a mouse. You are riding on a mouse. I salute you Heram again and again.
वेदान्तवेद्यं जगतामधीशं देवादिवन्द्यं सुकृतैकगम्यम् ।
स्तम्बेरमास्यं नवचन्द्रचूडं विनायकं तं शरणं प्रपद्ये ॥मैं उन भगवान् विनायक की शरण ग्रहण करता हूँ, जो वेदान्त में वर्णित परब्रह्म हैं, त्रिभुवन के अधिपति हैं, देवता-सिद्धादि से पूजित हैं, एकमात्र पुण्य से ही प्राप्त होते हैं और जिन गजानन के भालपर द्धितीया की चन्द्ररेखा सुशोभित रहती है ।
I take refuge in that Lord Vinayak, who is the Supreme Brahma mentioned in Vedanta, is the ruler of Tribhuvan, is worshiped by all the gods, They are achieved only by virtue of their virtue and the moon line of Dhitiya is adorned on the spear of Gajanana.
नमामि देवं द्धिरदाननं तं यः सर्वविघ्नं हरते जनानाम् ।
धर्मार्थकामांस्तनुतेऽखिलानां तस्मै नमो विघ्नविनाशनाय ॥मैं उन गजाननदेव को नमस्कार करता हूँ, जो लोगों के समस्त विघ्नों का अपहरण करते हैं । जो सबके लिए धर्म, अर्थ और कामका विस्तार करते हैं, उन विघ्नविनाशन गणेश को नमस्कार है ।
I pay my respects to Gajanandev, who removes all the obstacles of the people. Salutations to Ganesha, the destroyer of obstacles, who expands religion, wealth and work for all.
द्धिरदवदन विषमरद वरद जयेशान शान्तवरसदन ।
सदनवसादन सादनमन्तरायस्य रायस्य ॥हाथी के मुख वाले, एकदन्त, वरदायी, ईशान, परमशान्ति एवं समृद्धि के आश्रय, सज्जनों के क्लेशहर्ता और विघ्नविनाशक हे गणपति ! आपकी जय हो ।
O Lord Ganapati, who has the face of an elephant, has one tusk, is the giver of blessings, is the source of prosperity, is the source of ultimate peace and prosperity, is the remover of troubles of gentlemen and is the destroyer of obstacles. Hail thee .
लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम् ।
अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूहविनाशनम् ॥जो महापराक्रमी, लम्बोदर, सर्पमय यज्ञोपवीत से सुशोभित, अर्धचन्द्रधारी और विघ्न-समूह का विनाश करनेवाले हैं, उन गणपतिदेव की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Lord Ganesha, who is mighty, has a lamb, is adorned with the sacred thread of a serpent, has a half moon and is the destroyer of all obstacles.
गुरुदराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ।
गोप्याय गोपिताशेषभुवनाय चिदात्मने ॥जो भारी पेटवाले, गुरु, गोप्ता (रक्षक), गूढ़स्वरुप तथा सब ओर से गौर हैं, जिनका स्वरूप और तत्त्व गोपनीय हैं तथा जो समस्त भुवनों के रक्षक हैं, उन चिदात्मा आप गणपति को नमस्कार है ।
Who has a heavy stomach, is a Guru, a Gupta (protector), is mysterious and is visible from all sides, whose form and essence are confidential and Salutations to Ganapati, the supreme soul who is the protector of all the universe.
विश्वमूलाय भव्याय विश्वसृष्टिकराय ते ।
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुणिडने ॥जो विश्व के मूल कारण, कल्याणस्वरूप, संसार की सृष्टि करनेवाले, सत्यरूप, सत्यपूर्ण तथा शुण्डधारी हैं, उन आप गणेश को बारम्बार नमस्कार है ।
I salute you again and again to Lord Ganesha who is the root cause of the world, the embodiment of well-being, the creator of the world, the embodiment of truth, full of truth and the bearer of the horns.
ऊँ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने ।
दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥सम्पूर्ण सौख्य प्रदान करनेवाले सच्चिदानन्दस्वरूप विघ्नराज गणेशको नमस्कार है । जो दुष्ट अरिष्ट ग्रहोंका नाश करनेवाले परात्परा परमात्मा हैं, उन गणपति को नमस्कार है ।
Salutations to Ganesh, the king of obstacles, in the form of Sachchidananda, who bestows complete happiness. the evil evil Salutations to Ganapati who is the supreme God who destroys the planets.
सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने ।
मायिन मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो नमः ॥नाथ ! आप सिद्धि और बुद्धि के पति हैं तथा सिद्धि और बुद्धि प्रदान करने वाले हैं । माया के अधिपति तथा मायावियों को मोह मे डालने वाले हैं । आपको बारम्बार नमस्कार है ।
God ! You are the husband of accomplishment and intelligence and the giver of accomplishment and intelligence. lords of maya and illusionists Are going to seduce. Greetings to you again and again.
लम्बोदराय वै तुभ्यं सर्वोदरगताय च ।
अमायिने च मायाया आधाराय नमो नमः ॥आप लंबोदर हैं, जठरानल रूप मे सबके उदर मे निवास करते हैं, आप पर किसी की माया नही चलती और आप ही माया के आधार हैं । आपको बार-बार नमस्कार है ।
You are Lambodar, reside in everyone's stomach in the form of gastrointestinal tract, no one has any illusion on you and you are the basis of illusion. Hello to you again and again.
पार्वतीनन्दनायैव देवानां पालकाय ते ।
सर्वेषां पूज्यदेहाय गणेशाय नमो नमः ॥जो देवी पार्वती को आनन्दित करने वाले, देवताओं के रक्षक हैं और जिनका श्रीविग्रह सबके लिए पूजनीय है, उन आप गणेशजी को बारम्बार नमस्कार है ।
I salute you Lord Ganesha again and again, who pleases Goddess Parvati, is the protector of the gods and whose idol is worshipable by all.
स्वनन्दवासिने तुभ्यं शिवस्य कुलदैवत ।
विष्णवादीनां विशेषेण कुलदेवताय ते नमः ॥भगवान शिव के कुलदेवता आप अपने स्वरूपभूत स्वानन्द-धाम मे निवास करनेवाले हैं। विष्णु आदी देवताओं के तो आप विशेषरूप से कुलदेवता हैं । आपको नमस्कार है ।
You, the family deity of Lord Shiva, are going to reside in your own form, Swanand-Dham. You are especially the family deity of gods like Vishnu. Greetings to you .
योगाकाराय सर्वेषां योगशान्तिप्रदाय च ।
ब्रह्मेशाय नमस्तुभ्यं ब्रह्मभूतप्रदाय ते ॥आप योगस्वरूप एवं सबको योगजनित शांति प्रदान करने वाले हैं । ब्रह्म भाव की प्राप्ति करानेवाले आप ब्रह्मेश्वर को नमस्कार है ।
You are the embodiment of Yoga and the giver of Yoga-born peace to everyone. Salutations to you Brahmeshwar who makes us attain Brahma Bhava.
सृजन्तं पालयन्तं च संहरन्तं निजेच्छया ।
सर्वविध्नहरं देवं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥जो स्वेच्छा से संसार की सृष्टि, पालन और संहार करते हैं, उन सर्वविघ्नहारी देवता मयूरेश गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ ।
I bow to Mayuresh Ganesha, the destroyer of all obstacles, who voluntarily creates, maintains and destroys the world.
सर्वशक्तिमयं देवं सर्वरूपधरं विभुम् ।
सर्वविद्याप्रवक्तारं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥जो सर्वशक्तिमय, सर्वरूपधारी, सर्वव्यापक और सम्पूर्ण विद्याओं के प्रवक्ता हैं, उन भगवान् मयूरेश गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ ।
I bow to Lord Mayuresh Ganesha who is omnipotent, omnipresent, omnipresent and the spokesperson of all knowledge.
पार्वतीनन्दनं शम्भोरानन्दपरिवर्धनम् ।
भक्तानन्दकरं नित्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥जो पार्वती जी को पुत्र रूप से आनन्द प्रदान करते और भगवान् शंकर का भी आनन्द बढ़ाते हैं, उन भक्तानन्दवर्धन मयूरेश गणेश को मैं नित्य नमस्कार करता हूँ ।
I daily offer my salutations to Bhaktanandvardhan Mayuresh Ganesh, who gives joy to Goddess Parvati in the form of a son and also increases the joy of Lord Shankar.
आवाहये तं गणराजदेवं रक्तोत्पलाभासमशेषवन्द्दम् ।
विध्नान्तकं विध्नहरं गणेशं भजामि रौद्रं सहितं च सिद्धया ॥जो देवताओं के गण के राजा हैं, लाल कमल के समान जिनके देह की आभा है, जो सबके वन्दनीय हैं, विघ्न के काल हैं, विघ्नों को हरनेवाले हैं, शिवजी के पुत्र हैं, उन गणेशजी का मैं सिद्धि के साथ आवाहन और भजन करता हूँ ।
Who is the king of the group of gods, whose body glows like a red lotus, who is worshipable by all, who is the destroyer of obstacles, I invoke and worship that Ganeshji with great success, who is the destroyer of obstacles and the son of Lord Shiva.
परात्परं चिदानन्दं निर्विकारं हृदि स्थितम् ।
गुणातीतं गुणमयं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥जो परात्पर, चिदानन्दमय, निर्विकार, सबके हृदय में अंतर्यामी रूप से स्थित, गुणातीत एवं गुणमय हैं, उन मयूरेश गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ ।
I bow to Mayuresh Ganesha who is supreme, blissful, fearless, intrinsically present in everyone's heart, beyond all qualities and full of qualities.
तमोयोगिनं रुद्ररूपं त्रिनेत्रं जगद्धारकं तारकं ज्ञानहेतुम् ।
अनेकागमैः स्वं जनं बोधयन्तं सदा सर्वरूपं गणेशं नमामः ॥जो तमो गुण के सम्पर्क से रुद्ररूप धारण करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो जगत् के हर्ता, तारक और ज्ञान के हेतु हैं तथा जो अनेक आगमोक्त वचनों द्धारा अपने भक्तजनों को सदा तत्त्वज्ञानोपदेश देते रहते हैं, उन सर्वरूप गणेश को हम नमस्कार करते हैं ।
Who assumes the form of Rudra due to the contact of Tamo Guna, who has three eyes, who is the creator of the world, the star and the cause of knowledge and who speaks in many Agmokta words. We salute Lord Ganesha in all forms, who always gives philosophical teachings to his devotees.
मूषिकोत्तममारुह्य देवासुरमहाहवे ।
योद्धुकामं महावीर्यं वन्देऽहं गणनायकम् ॥श्रेष्ठ मूषक पर सवार होकर देवासुरमहासंग्राम में युद्ध की इच्छा करनेवाले महान् बलशाली गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Ganesha, the great and powerful commander, who wishes to fight in the great battle between gods and demons, riding on the best mouse.
अम्बिकाहृदयानन्दं मातृभिः परिवेष्टितम् ।
भक्तिप्रियं मदोन्मत्तं वन्देऽहं गणनायकम् ॥भगवती पार्वती के हृदय को आनन्द देनेवाले, मातृकाओं से अनावृत, भक्तों के प्रिय, मद से उन्मत्त की तरह बने हुए गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Lord Ganesha, who gives joy to the heart of Goddess Parvati, is free from matrikas, is beloved by the devotees, and is made like a man mad with intoxication.
जय सिद्धिपते महामते जय बुद्धीश जडार्तसद्गते ।
जय योगिसमूहसद्गुरो जय सेवारत कल्पनातरो ॥हे सिद्धिपते ! हे महापते ! आपकी जय हो । हे बुद्धिस्वामिन् ! हे जड़मति तथा दुःखियों के सद्गति-स्वरूप ! आपकी जय हो ! हे योगियों के सद्गुरु ! आपकी जय हो । हे सेवापरायणजनों के लिये कल्पवृक्षस्वरूप ! आपकी जय हो !
Hey Siddhipate! O great father! Hail thee . O wise lady! O embodiment of salvation for those who are inert and suffering! Hail thee ! O master of yogis! Hail thee . O the embodiment of Kalpavriksha for those devoted to service! Hail thee !
त्रिलोकेश गुणातीत गुणक्षोम नमो नमः
त्रैलोक्यपालन विभो विश्वव्यापिन् नमो नमः ॥हे त्रैलोक्य के स्वामी ! हे गुणातीत ! हे गुणक्षोभक ! आपको बार-बार नमस्कार है । हे त्रिभुवनपालक ! हे विश्वव्यापिन् विभो ! आपको बार-बार नमस्कार है ।
O Lord of the world! Hey Gunaatit! O destroyer of qualities! Hello to you again and again. Oh Tribhuvanpalak! O Universal Vibho! Hello to you again and again.
मायातीताय भक्तानां कामपूराय ते नमः ।
सोमसूर्याग्निनेत्राय नमो विश्वम्भराय ते ॥मायातीत और भक्तों की कामना-पूर्ति करनेवाले आपको नमस्कार है । चन्द्र, सूर्य और अग्नि जिनके नेत्र हैं और जो विश्व का भरण करनेवाले हैं, उन आपको नमस्कार है ।
Salute to you who is beyond Maya and fulfills the wishes of the devotees. Salutations to you who are the eyes of the moon, sun and fire and who sustain the world.
जय विघ्नकृतामाद्या भक्तनिर्विघ्नकारक ।
अविघ्न विघ्नशमन महाविध्नैकविघ्नकृत् ॥हे विघ्नकर्ताओं के कारण ! हे भक्तों के निर्विघ्न-कारक, विघ्नहीन, विघ्नविनाशन, महाविघ्नों के मुख्य विघ्न करनेवाले ! आपकी जय हो ।
O because of the troublemakers! O the one who is free from obstacles for the devotees, free from obstacles, destroyer of obstacles, the main remover of great obstacles! Hail thee .
द्वविमौ ग्रसते भूमिः सर्पो बिलशयानिवं ।
राजानं चाविरोद्धारं ब्राह्मणं चाप्रवासिनम् ॥जिस प्रकार बिल में रहने वाले मेढक, चूहे आदि जीवों को सर्प खा जाता है, उसी प्रकार शत्रु का विरोध न करने वाले राजा और परदेस गमन से डरने वाले ब्राह्मण को यह समय खा जाता है ।
Just as a snake eats creatures like frogs, rats etc. that live in holes, Similarly, this time eats away the king who does not oppose the enemy and the Brahmin who is afraid of going abroad.
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥जो हाथी के समान मुख वाले हैं, भूतगणादिसे सदा सेवित रहते हैं, कैथ तथा जामुन फल जिनके लिए प्रिय भोज्य हैं, पार्वती के पुत्र हैं तथा जो प्राणियों के शोक का विनाश करनेवाले हैं, उन विघ्नेश्वर के चरणकमलों में नमस्कार करता हुँ।
Who has a face like an elephant, who is always served by Bhoot Ganadi, for whom Kaitha and Jamun fruits are favorite food, I bow to the lotus feet of Vigneshwar, who is the son of Parvati and who destroys the sorrow of living beings.
रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं ।
भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात् ॥हे गणाध्यक्ष रक्षा कीजिए, रक्षा कीजिये । हे तीनों लोकों के रक्षक! रक्षा कीजिए; आप भक्तों को अभय प्रदान करनेवाले हैं, भवसागर से मेरी रक्षा कीजिये ।
O Ganadhyaksha, protect me, protect me. O protector of the three worlds! protect; You are the one who provides fearlessness to the devotees, protect me from the ocean of existence.
केयूरिणं हारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानिं ।
सृणिं वहन्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम् ॥मैं उन भगवान् गणपतिकी वन्दना करता हूँ जो केयूर-हार-किरीट आदि आभूषणों से सुसज्जित हैं, चतुर्भुज हैं और अपने चार हाथों में पाशा अंकुश-वर और अभय मुद्रा को धारण करते हैं, जो तीन नेत्रों वाले हैं, जिन्हें दो स्त्रियाँ चँवर डुलाती रहती हैं ।
I worship Lord Ganapati who is adorned with ornaments like keyur, necklace, crown etc. He is four-armed and holds Pasha Ankush-var and Abhaya Mudra in his four hands, who has three eyes and is being carried by two women.
जननीजनकसुखप्रदो निखलानिष्ठहरोऽखिलेष्टदः ।
गणनायक एव मामवेद्रदपाशाङ्कुमोदकान् दधत् ॥माता-पिता को सुख देनेवाले, सम्पूर्ण विघ्न दूर करनेवाले, सम्पूर्ण कामनाएँ पूर्ण करनेवाले एवं दन्त-पाश-अंकुश-मोदक धारण करनेवाले गणनायक मेरी रक्षा करें ।
May Gannayak, who gives happiness to parents, removes all obstacles, fulfills all wishes and wears the tooth-loop, Ankush-Modak, protect me.
गजराजमुखाय ते नमो मृगराजोत्तमवाहनाय ते ।
द्विजराजकलाभृते नमो गणराजाय सदा नमोऽस्तु ते ॥गजराज के समान मुखवाले आपको नमस्कार है, मृगराज से भी उत्तम वहनवाले आपको नमस्कार है, चन्द्रकलाधारी आपको नमस्कार है और गणों के स्वामी आपको सदा नमस्कार है ।
Salutations to you who have a face like that of Gajraj, salutations to you who have a better bearing than Mrigraj, Salutations to you, Chandrakaladhari, and always salutations to you, Lord of the Ganas.
गणनाथ गणेश विघ्नराट् शिवसूनो जगदेकसद्गुरो ।
सुरमानुषगीतमद्यशः प्रणतं मामव संसृतेर्भयात् ॥हे गणनाथ ! हे गणेश ! हे विघ्नराज ! हे शिवपुत्र ! हे जगत् के एकमात्र सद्गुरु ! देवताओं तथा मनुष्यों के द्धारा किये गये उत्तम यशोगानवाले आप सांसारिक भय से मुझ शरणागत की रक्षा कीजिये ।
Hey Gananath! Hey Ganesh! O king of obstacles! O son of Shiva! O the only true Guru of the world! You, the one who is praised by gods and humans for his excellent praises, protect me who has surrendered myself from worldly fear.
गजवक्त्रं सुरश्रेष्ठं कर्णचामरभूषितम् ।
पाशाङ्कुशधरं देवं वन्देऽहं गणनायकम् ॥हाथी के मुख वाले देवताओं में श्रेष्ठ, कर्णरूपी चामरों से विभूषित तथा पाश एवं अंकुश को धारण करनेवाले भगवान् गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Ganesh, the best among elephant-faced gods, adorned with ear-shaped chamars and the one who holds the noose and the goad.
मौञ्जीकृष्णाजिनधरं नागयज्ञोपवीतिनम् ।
बालेन्दुशकलं मौलौ वन्देऽहं गणनायकम् ॥मुंजकी मेखला एवं कृष्णमृगचर्म को धारण करनेवाले तथा नाग का यज्ञोपवीत पहननेवाले और सिरपर बालचन्द्रकला को धारण करनेवाले गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
The one who wears the Munjaki belt and blackbuck skin and wears the sacred thread of snake and I worship Lord Ganesha who wears Balchandrakala on his head.
चित्ररत्नविचित्राङ्गं चित्रमालाविभूषितम् ।
कायरूपधरं देवं वन्देऽहं गणनायकम् ॥विचित्ररत्नों से चित्रित अंगोंवाले, विचित्र मालाओं से विभूषित तथा शरीररूप धारण करनेवाले उन भगवान् गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Lord Ganesha, whose body is decorated with strange gems, whose body is decorated with strange garlands and whose body is innumerable.
मायासिद्धिस्तथा देवो मायिको बुद्धिसंज्ञितः ।
तयोर्योगे गणेशान त्वं स्थितोऽसि नमोऽस्तु ते ॥भ्रान्ति अथवा माया सिद्धि है और उसे धारण करनेवाले गणेशदेव मायिक हैं । बुद्धि संज्ञा भी उन्ही की है । हे गणेश्वर ! आप सिद्धि और बुद्धि दोनों के योग में स्थित हैं । आपको बारम्बार नमस्कार है ।
Illusion or illusion is Siddhi and the one who holds it is Lord Ganesha, Mayaik. The noun 'buddhi' also belongs to him. Hey Ganeshwar! You are situated in the combination of both accomplishment and intelligence. Greetings to you again and again.
जगद्रूपो गकारश्च णकारो ब्रह्मवाचकः ।
तयोर्योगे गणेशाय नाम तुभ्यं नमो नमः ॥गकार जगत्स्वरूप है और णकार ब्रह्मका वाचक है । उन दोनों के योग में विद्यमान आप गणेश-देवता को बारम्बार नमस्कार है ।
Gakar is the form of the world and Nakar is the narrator of Brahma. I salute you again and again to Lord Ganesha who exists in combination with both of them.
चौरवद्भोगकर्ता त्वं तेन ते वाहनं परम् ।
मूषको मूषकारूढो हेरम्बाय नमो नमः ॥आप चौर की भाँति भोगकर्ता हैं, इसलिए आपका उत्कृष्ट वाहन मूषक है । आप मूषक पर आरूढ़ हैं । आप हेरम्ब को बारम्बार नमस्कार है ।
You are an enjoyer like a chaur, hence your excellent vehicle is a mouse. You are riding on a mouse. I salute you Heram again and again.
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुःकामार्थसिद्धये ॥भक्तके हृदयमें वास करनेवाले गौरी पुत्र विनायक को वंदन करने के पश्चात , दीर्घायु , सुख -समृद्धि एवं सर्व इच्छा पूर्ति हेतु उनका अखंड स्मरण करना चाहिए !
After worshiping Gauri's son Vinayak, who resides in the heart of the devotee, one should remember him continuously for long life, happiness, prosperity and fulfillment of all wishes.
नमस्ते योगरूपाय सम्प्रज्ञातशरीरिणे ।
असम्प्रज्ञातमूर्ध्ने ते तयोर्योगमयाय च ॥हे गणेश्वर ! सम्प्रज्ञात समाधि आपका शरीर तथा असम्प्रज्ञात समाधि आपका मस्तक है । आप दोनों के योगमय होने के कारण योगस्वरूप हैं, आपको नमस्कार है ।
Hey Ganeshwar! Samprajnata Samadhi is your body and Asamprajnata Samadhi is your head. Due to the combination of both of you, you are an embodiment of yoga, salutations to you.
वामाङ्गे भ्रान्तिरूपा ते सिद्धिः सर्वप्रदा प्रभो ।
भ्रान्तिधारकरूपा वै बुद्धिस्ते दक्षिणाङ्गके ॥प्रभो ! आपके वामांग में भ्रान्तिरूपा सिद्धि विराजमान हैं, जो सब कुछ देनेवाली हैं तथा आपके दाहिने अंग में भ्रान्तिधारक रूपवाली बुद्धि देवी स्थित हैं ।
Lord! In your right side resides Siddhi in the form of illusion, who is the giver of everything and in your right side resides the goddess of wisdom in the form of illusion holder.
सर्वविघ्नहरं देवं सर्वविघ्नविवर्जितमम् ।
सर्वसिद्धिप्रदातारं वन्देऽहं गणनायकम् ॥सभी प्रकार के विघ्नों का हरण करनेवाले, सभी प्रकार के विघ्नों से रहित तथा सभी प्रकार की सिद्धियों को देनेवाले भगवान् गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Lord Gannayak Ganesha, who removes all kinds of obstacles, is free from all kinds of obstacles and gives all kinds of attainments.
विश्वमूलाय भव्याय विश्वसृष्टिकराय ते ।
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुण्डिने ॥जो विश्व के मूल कारण, कल्याणस्वरूप संसार की सृष्टि करनेवाले, सत्यरूप, सत्यपूर्ण तथा शुण्डधारी हैं, उन आप गणेश्वर को बारम्बार नमस्कार है ।
I salute you again and again to Ganeshwar, who is the root cause of the world, the creator of the world in the form of welfare, the form of truth, full of truth and the bearer of horns.
एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः ।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने ॥जिनके एक दाँत और सुन्दर मुख है, जो शरणागत भक्तजनों के रक्षक तथा प्रणतजनों की पीड़ा का नाश करनेवाले हैं, उन शुद्धस्वरूप आप गणपति को बारम्बार नमस्कार है ।
I repeatedly salute you Ganapati in his pure form, who has one tooth and a beautiful face, who is the protector of the devotees who surrender to him and who destroys the pain of his lovers.
नमस्ते गणनाथाय गणानां पतये नमः ।
भक्तिप्रियाय देवेश भक्तेभ्यः सुखदायक ॥भक्तों की सुख देनेवाले हे देवेश्वर ! आप भक्तिप्रिय हैं तथा गणों के अधिपति है । आप गणनाथ को नमस्कार है ।
O God who gives happiness to the devotees! You are devoted and the ruler of the Ganas. Salutations to you Gananath.
एकदन्तं महाकायं तप्तकाञ्चनसन्निभम् ।
लम्बोदरं विशालाक्षं वन्देऽहं गणनायकम् ॥एक दाँतवाले, महान् शरीरवाले, तपाये गये सुवर्ण के समान कान्तिवाले, लम्बे पेटवाले और बड़ी-बड़ी आँखोंवाले गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।
I worship Lord Ganesha, the one with one tooth, great body, shining like refined gold, long stomach and big eyes.
मात्रे पित्रे च सर्वेषां हेरम्बाय नमो नमः ।
अनादये च विघ्नेश विघ्नकर्त्रे नमो नमः ॥सबके माता और पिता हेरम्ब को बारम्बार नमस्कार है । हे विघ्नेश्वर ! आप अनादि और विघ्नों के भी जनक हैं , आपको बार-बार नमस्कार है ।
Salutations again and again to everyone's mother and father Heramb. Hey Vighneshwar! You are eternal and also the father of obstacles, salutations to you again and again.
गजाननाय पूर्णाय साङ्ख्यरूपमयाय ते ।
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः ॥हे गणेश्वर ! आप गज के समान मुख धारण करने वाले, पूर्ण परमात्मा और ज्ञानस्वरूप हैं । आप निराकार रूप से सर्वत्र विद्यमान हैं, आपको बारम्बार नमस्कार है ।
हे गणेश्वर ! आप गज के समान मुख धारण करने वाले, पूर्ण परमात्मा और ज्ञानस्वरूप हैं । आप निराकार रूप से सर्वत्र विद्यमान हैं, आपको बारम्बार नमस्कार है ।
अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते ।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः ॥हे हेरम्ब ! आपको किन्ही प्रमाणों द्वारा मापा नहीं जा सकता, आप परशु धारण करने वाले हैं, आपका वाहन मूषक है । आप विश्वेश्वर को बारम्बार नमस्कार है ।
अनन्तविभायैव परेषां पररुपिणे ।
शिवपुत्राय देवाय गुहाग्रजाय ते नमः ॥आपका वैभव अनन्त है, आप परात्पर हैं, भगवान् शिव के पुत्र तथा स्कन्द के बड़े भाई हैं, आप देव को नमस्कार है ।
तमः स्तोमहारनं जनाज्ञानहारं त्रयीवेदसारं परब्रह्मसारम् ।
मुनिज्ञानकारं विदूरेविकारं सदा ब्रह्मरुपं गणेशं नमामः ॥जो अज्ञानान्धकार राशि के नाशक, भक्तजनों के अज्ञान के निवारक, तीनों वेदों के सारस्वरूप, परब्रह्मसार, मुनियों को ज्ञान देनेवाले तथा मनोविकारों से सदा दूर रहनेवाले हैं । उन ब्रह्मरूप गणेश को हम नमस्कार करते हैं ।
सर्वाज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् ।
सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥जो समस्त वस्तुविषयक अज्ञान के निवारक, सम्पूर्ण ज्ञान के उद्घावक, पवित्र, सत्य-ज्ञानस्वरूप तथा सत्यनामधारी हैं, उन मयूरेश गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ ।
अनेककोटिब्रह्याण्डनायकं जगदीश्वरम् ।
अनन्तविभवं विष्णु मयूरेशं नमाम्यहम् ॥जो अनेक कोटि ब्रह्माण्ड के नायक, जगदीश्वर, अनन्त वैभवसम्पन्न तथा सर्वव्यापी विष्णुरूप हैं, उन मयूरेश गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ ।
गजाननाय महसे प्रत्यूहतिमिरच्छिदे ।
अपारकरुणापूरतरङ्गितदृशे नमः ॥विघ्नरूप अन्धकार का नाश करनेवाले, अथाह करुणारूप जलराशि से तरंगति नेत्रों वाले गणेश नामक ज्योतिपुंज को नमस्कार है ।
पुराणपुरुषं देवं नानाक्रीडाकरं मुद्रा ।
मायाविनां दुर्विभावयं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥जो पुराणपुरुष हैं और प्रसन्नतापूर्वक नाना प्रकार की क्रीडाएँ करते हैं ; जो माया के स्वामी हैं तथा जिनका स्वरूप दुर्विभाव्य है, उन मयूरेश गणेश को मैं प्रणाम करता हूँ ।
प्रातः स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुगमम्।
उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम् ॥जो इन्द्र आदि देवेश्वरों के समूह से वन्दनीय हैं, अनाथों के बन्धु हैं, जिनके युगल कपोल सिन्दूर राशि से अनुरञ्जित हैं, जो प्रवल विघ्नों का खण्डन करने के लिए प्रचण्ड दण्डस्वरूप हैं, उन श्रीगणेश जी का मैं प्रातः काल स्मरण करता हूँ ।
जननीजनकसुखप्रदो निखलानिष्ठहरोऽखिलेष्टदः ।
गणनायक एव मामवेद्रदपाशाङ्कुमोदकान् दधत् ॥माता-पिता को सुख देनेवाले, सम्पूर्ण विघ्न दूर करनेवाले, सम्पूर्ण कामनाएँ पूर्ण करनेवाले एवं दन्त-पाश-अंकुश-मोदक धारण करनेवाले गणनायक मेरी रक्षा करें ।
गजराजमुखाय ते नमो मृगराजोत्तमवाहनाय ते ।
द्विजराजकलाभृते नमो गणराजाय सदा नमोऽस्तु ते ॥गजराज के समान मुखवाले आपको नमस्कार है, मृगराज से भी उत्तम वहनवाले आपको नमस्कार है, चन्द्रकलाधारी आपको नमस्कार है और गणों के स्वामी आपको सदा नमस्कार है ।
गणनाथ गणेश विघ्नराट् शिवसूनो जगदेकसद्गुरो ।
सुरमानुषगीतमद्यशः प्रणतं मामव संसृतेर्भयात् ॥हे गणनाथ ! हे गणेश ! हे विघ्नराज ! हे शिवपुत्र ! हे जगत् के एकमात्र सद्गुरु ! देवताओं तथा मनुष्यों के द्धारा किये गये उत्तम यशोगानवाले आप सांसारिक भय से मुझ शरणागत की रक्षा कीजिये ।