Essay On Elephant In Sanskrit - हाथी पर अनुछेद

हाथी पर निबंध - हाथी पर अनुछेद

Sanskrit Essay On Elephant - Elephant Par Anuched

गजः - गज (हाथी)

अयं हि विशालकायः जन्तुः अस्ति । अस्य वर्णं कृष्णं भवति श्वेतः गजः अपि दृश्यते । अयं हि हरितं काष्ठं पत्रं अन्नं च खादति । गजपालकः तं भोजयति स्नापयति च । गजे गणेशमूर्तिः भवति । गणेश इव अस्य पूजनं भवति । अयं भारं वहति । राजानः विशिष्टाः जनाः च गजारोहणं कुर्वन्ति । गजः शौण्डेन सर्व कार्यम् करोति । अस्य दन्ताः अस्थीनि शरीरस्य सर्वाणि अंगानि च बहुमूल्यानि भवन्ति । अयम् अधिकं आतपं न सहते ।

हिन्दी अनुवाद :

गज(हाथी)

यह विशालशरीर वाला जन्तु है। इनका रंग काला होता है। उजले हाथी भी दिखते हैं। यह हरी घास, लकड़ी, पत्ता, अन्न, भी खाता है। हाथी पालक (हाथी का मालिक) उसको खिलाता और नहाता है। हाथी में गणेश की मूर्ति होती है। गणेश के समान इसकी पूजा होती है। यह भार को ढोता (उठाता) है। राजालोग और विशेष व्यक्ति हाथी पर घूमते हैं। हाथी सूड़ से सभी कार्य को करता है। इसके दाँत, हड्डी शरीर के सभी अंग बहुमूल्य होते हैं। यह अधिक धूप नहीं सह सकते हैं।