संस्कृत के महत्व पर निबंध - Essay On Importance Of Sanskrit

संस्कृत के महत्व पर निबंध - Essay On Importance Of Sanskrit

संस्कृतस्य वैशिष्ट्यम् - संस्कृत भारतस्य प्रतिष्ठा

प्राचीनकाले भारतस्य जनभाषा संस्कृतम् आसीत् इति सर्वे जनाः विदाङ्कुर्वन्ति। संस्कृतस्य महत्त्वं वर्तमानपरिप्रेक्ष्ये अधिकम् अस्ति। अमेरिकायाः सर्वोकृष्ट अनुसंधान संस्था "नासा" अस्ति। तस्याः अभिमतम् अस्ति यद् आंतरिक्षे संवादं प्रेषयितुं संस्कृतमेव उपयुक्तम् अस्ति। यतो हि, यदा "नासा" इति संस्थायाः वैज्ञानिकाः अन्यभाषायां संवादं प्रेषयन्ति तदा संवादान् नैव सम्यकतया आन्तरिक्षमुपगच्छन्ति। किन्तु संस्कृतभाषायाः इदमेव वैशिष्ट्यम् अस्ति, यत् संवादानाम् विपरीत अवस्थायामपि न कोऽपि भेदो भवति एतदर्थं वैज्ञानिकाः संस्कृतभाषायामेव संवादान् प्रेषयितुं समर्थाः संजाताः। इदानीं केचन जनाः स्वीकुर्वन्ति यत् संस्कृतभाषा केवलं पौरोहित्य, कर्मकाण्डादि, नित्यनैमित्तिक, कर्मणान् कृते एव अस्ति। किन्तु अयं सिद्धान्तः तर्कहीनः वर्तते। संस्कृते ज्ञानस्य सर्वाः विधाः समुपलब्धाः सन्ति। इति वैदेशिकाः विद्वांसः अपि स्वीकुर्वन्ति। अस्माकं परमकर्तव्यमस्ति यद् भारतीयसंस्कृतेः रक्षणायः भारतस्य प्रतिष्ठां स्थापनाय च संस्कृतभाषायाः अध्ययनम् अध्यापनम् च नितराम् अस्माभिः कर्तव्यम्।

हिन्दी अनुवाद :

प्राचीनकाल में भारत की जनभाषा संस्कृत थी यह सभी लोग जानते हैं। संस्कृत का महत्व वर्तमान समय मे अधिक है। अमेरिका के सर्वउत्कृष्ट शोध संस्था 'नासा' है। जिसका मानना है जो अंतरिक्ष में संदेश भेजने के लिए संस्कृत ही उपयुक्त है। क्योंकी जब 'नासा' संस्था के वैज्ञानिकों ने अन्य भाषा में संदेश को भेजा तब अंतरिक्ष में संदेश ठीक से नहीं पहुँचता है किन्तु संस्कृत भाषा में यहीं विशेषता है जो संदेश के विपरीत अवस्था में भी कोई परिवर्तन नहीं होता। इसलिए वैज्ञानिकों ने इस भाषा में ही संदेश भेजने के लिए उपयोगी माना है। इस समय कुछ लोग मानते है जो संस्कृत भाषा केवल पौरोहित्य, कर्मकाण्ड, नित्यनैमितिक कर्म करने के लिए ही है। किन्तु यह उचित नियम नहीं है। संस्कृत में ज्ञान की सभी जानकारीयाँ उपलब्ध हैं। यह विदेशों के विद्वान भी स्वीकार करते हैं। हमारा कर्तव्य है जो भारतीय संस्कृत की रक्षा के लिए और भारत की प्रतिष्ठा के स्थापना के लिए संस्कृत भाषा का अध्ययन और अध्यापन चलता रहे।