Lakshmi (लक्ष्मी मंत्र)

Lakshmi is the Hindu goddess of wealth, fortune, and prosperity. In modern times, Lakshmi is worshiped as the goddess of wealth. She is also worshipped as the consort of Vishnu in many temples.

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अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रमोदिनीम् । श्रियं देवीमुप ह्रये श्रीर्मा देवी जुषताम् ॥

भावार्थ :

जिस देवी के आगे घोड़े तथा उनके पीछे रथ रहते हैं तथा जो हस्तिनाद को सुनकर प्रमुदित होती हैं, उन्हीं श्री देवीका मैं आवाहन करता हूँ , लक्ष्मी देवी मुझे प्राप्त हों ।

गंधद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् । ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोप ह्वये श्रियम् ॥

भावार्थ :

जो दुराधर्षा तथा नित्यपुष्टा हैं तथा गोबर से युक्त गन्धगुणवती पृथिवी ही जिनका स्वरूप है, सब भूतों की स्वामिनी उन लक्ष्मीदेवी का मैं यहाँ अपने घर में आवाहन करता हूँ ।

महालक्ष्मै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि । तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् ॥

भावार्थ :

हम विष्णु पत्नी महालक्ष्मी को जानते हैं तथा उनका ध्यान करते हैं । वे लक्ष्मी जी हमें प्रेरणा प्रदान करें ।

सद्यो वैगुण्यमायान्ति शीलाद्याः सकला गुणाः । पराङ्मुखी जगद्धात्री यस्य त्वं विष्णुवल्लभे ॥

भावार्थ :

हे देवि ! तुम्हारे गुणों का वर्णन करने में तो श्री ब्रह्मा जी की रचना भी समर्थ नहीं है । अत: हे कमलनयने ! अब मुझ पर प्रसन्न होओ और मुझे कभी न छोड़ो ।

अश्वदायि गोदायि धनदायि महाधने । धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे ॥

भावार्थ :

अश्वदायिनी, गोदायिनी, धनदायिनी, महाधनस्वरूपिणी हे देवी ! मेरे पास धन रहे, आप मुझे सभी अभिलषित वस्तुएँ प्रदान करें ।

त्वं माता सर्वलोकानां देवदेवो हरिः पिता । त्वयैतद्विष्णुना चाम्ब जगद् व्याप्तं चराचरम् ॥

भावार्थ :

तुम संपूर्ण लोकों की माता हो तथा देवदेव भगवान् हरि पिता हैं । हे मातः ! तुमसे और श्रीविष्णु भगवान् से यह सकल चराचर जगत् व्याप्त है ।