Lakshmi is the Hindu goddess of wealth, fortune, and prosperity. In modern times, Lakshmi is worshiped as the goddess of wealth. She is also worshipped as the consort of Vishnu in many temples.
त्वं सिद्धिस्त्वं स्वधा स्वाहा सुधा त्वं लोकपावनी । सन्ध्या रात्रिः प्रभा भूतिर्मेधा श्रद्धा सरस्वती ॥
हे देवी! तुम सिद्धि हो, स्वाहा हो, सुधा हो और त्रिलोकी को पवित्र करने वाली हो तथा तुम ही संध्या, रात्रि, प्रभा, विभूति, मेधा, श्रद्धा और सरस्वती हो
यज्ञविद्या महाविद्या गुह्यविद्या च शोभने । आत्मविद्या च देवि त्वं विमुक्तिफलदायिनी ॥
हे शोभने ! यज्ञ विद्या, महाविद्या और गृह्यविद्या तुम्हीं हो तथा हे देवि! तुम्हीं मुक्तिफल दायिनी आत्मविद्या हो ।
स श्लाघ्यः स गुणी धन्यः स कुलीनः स बुद्धिमान् । स शूरः स च विक्रान्तो यस्त्वया देवि वीक्षितः ॥
हे देवि ! जिस पर तुम्हारी कृपा दृष्टि है वही प्रशंसनीय है, वही गुणी है, वही धन्यभाग्य है, वही कुलीन और बुद्धिमान् है, वही शूरवीर और पराक्रमी है ।
पद्मानने पद्मऊरु पद्माक्षि पद्मसम्भवे । तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ॥
कमल के समान मुखमण्डलवाली ! कमल के समान उरुप्रदेशवाली ! कमल-सदृश नेत्रवाली ! कमल से आविभूर्त होनेवाली ! पद्माक्षि आप उसी प्रकार मेरा पालन करें, जिससे मुझे सुख प्राप्त हो ।
पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि । विश्वप्रिये विष्णुमनोsनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सं नि धत्स्व ॥
कमल-सदृश मुखवाली ! कमल-दलपर अपने चरण कमल रखनेवाली ! कमल में प्रीति रखनेवाली ! कमल-दल के समान विशाल नेत्रोंवाली ! समग्र संसार के लिए प्रिय ! भगवान् विष्णु के मन के अनुकूल आचरण करनेवाली ! आप अपने चरणकमल को मेरे हृदय में स्थापित करें ।