Motivational quotes in sanskrit - Sanskrit quotes by some prominent people which is very inspirational. A Sanskrit quotation is the repetition of a sentence, phrase, or passage from speech or text that someone has said or written. Sanskrit Quote means to repeat the exact words of a speaker or an author
Here is best collection of Sanskrit Quotes With English And Hindi Meaning:न कुलं वृत्तहीनस्य प्रमाणमिति में मतिः । अन्तेष्वपि हि जातानां वृतमेव विशिष्यते ॥
A man cannot be identified from a high or low clan. A man is recognized by his good conduct, even if he is born in a low caste.
ऊँचे या नीचे कुल से मनुष्य की पहचान नहीं हो सकती। मनुष्य की पहचान उसके सदाचार से होती है ,भले ही वह निचे कुल में ही क्यों न पैदा हुआ हो ।
लोक-नीति -न चातिप्रणयः कार्यः कर्त्तव्योप्रणयश्च ते । उभयं हि महान् दोसस्तस्मादन्तरदृग्भव ॥
Before his death, Bali had given this last advice to his son Angad – Do not love or hate anyone excessively, because both are very harmful, always follow the middle path.
मृत्यु-पूर्व बालि ने अपने पुत्र अंगद को यह अन्तिम उपदेश दिया था – तुम किसी से अधिक प्रेम या अधिक वैर न करना, क्योंकि दोनों ही अत्यन्त अनिष्टकारक होते हैं, सदा मध्यम मार्ग का ही अवलम्बन करना ।
कश्चित् कस्यचिन्मित्रं, न कश्चित् कस्यचित् रिपु:।
अर्थतस्तु निबध्यन्ते, मित्राणि रिपवस्तथा ॥No one is anyone's friend nor enemy, it is because of work that people become friends and enemies.
न कोई किसी का मित्र है और न ही शत्रु, कार्यवश ही लोग मित्र और शत्रु बनते हैं ।
सर्वथा सुकरं मित्रं दुष्करं प्रतिपालनम् ॥
It is easy to make friendship but it is difficult to maintain it.
मित्रता करना सहज है लेकिन उसको निभाना कठिन है ।
मित्रता-उपकारफलं मित्रमपकारोऽरिलक्षणम् ॥
Doing a favor is a sign of friendship and doing a disservice is a sign of enmity.
उपकार करना मित्रता का लक्षण है और अपकार करना शत्रुता का ।
ये शोकमनुवर्त्तन्ते न तेषां विद्यते सुखम् ॥
A grieving person never gets happiness.
शोकग्रस्त मनुष्य को कभी सुख नहीं मिलता ।
शोकः शौर्यपकर्षणः ॥
Grief destroys the bravery of a man.
शोक मनुष्य के शौर्य को नष्ट कर देता है ।
सुख-दुर्लभं हि सदा सुखम् ।
Happiness does not last forever.
सुख सदा नहीं बना रहता है ।
न सुखाल्लभ्यते सुखम् ॥
Happiness does not increase happiness.
सुख से सुख की वृद्धि नहीं होती ।
मृदुर्हि परिभूयते ॥
A soft man is disrespected.
मृदु पुरुष का अनादर होता है ।
सर्वे चण्डस्य विभ्यति ॥
Everyone is afraid of an angry man.
क्रोधी पुरुष से सभी डरते हैं ।
स्वभावो दुरतिक्रमः ॥
Transcendence of nature is difficult.
स्वभाव का अतिक्रमण कठिन है ।
यावद्बध्दो मरुद देहे यावच्चित्तं निराकुलम्। यावद्द्रॄष्टिभ्रुवोर्मध्ये तावत्कालभयं कुत:।।
As long as the breath is stopped in the body, the mind remains unobstructed and as long as the meditation is between the two eyebrows, there is no fear of death.
जब तक शरीर में सांस रोक दी जाती है तब तक मन अबाधित रहता है और जब तक ध्यान दोनों भौहों के बीच लगा है तब तक मृत्यु से कोई भय नहीं है।
सहसा विदधीत न क्रियामविवेकः परमापदां पदम्। वृणते हि विमृश्यकारिणं गुणलुब्धाः स्वयमेव संपदः।
We should not do any work in a sudden impulse or enthusiasm. Because lack of discretion is the cause of the biggest calamities. On the contrary, the person who acts thoughtfully. Mother Lakshmi, who is attracted by his qualities, herself chooses him.
हमें अचानक आवेश या जोश में आकर कोई काम नहीं करना चाहिए। क्योंकि विवेक हीनता सबसे बड़ी विपतियों का कारण होती है। इसके विपरीत जो व्यक्ति सोच समझकर कार्य करता है। गुणों से आकृष्ट होने वाली मां लक्ष्मी स्वयं ही उसका चुनाव कर लेती है।
येषां न विद्या न तपो न दानं ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः। ते मर्त्यलोके भुविभारभूता मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।।
The people in whom knowledge resides, neither the sense of hard work, nor the desire for charity, nor the effect of knowledge, nor the expression of virtues, nor the determination to follow religion, they are not humans, they are animals in human form.
जिस मनुष्यों में विद्या का निवास है, न मेहनत का भाव, न दान की इच्छा और न ज्ञान का प्रभाव, न गुणों की भिव्यक्ति और न धर्म पर चलने का संकल्प, वे मनुष्य नहीं वे मनुष्य रूप में जानवर ही धरती पर विचरते हैं।