Ganesh Mantra (गणेश मंत्र)

Here is some Mantra of Lord Ganesh :

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नमस्ते गणनाथाय गणानां पतये नमः । भक्तिप्रियाय देवेश भक्तेभ्यः सुखदायक ॥

भावार्थ :

भक्तों की सुख देनेवाले हे देवेश्वर ! आप भक्तिप्रिय हैं तथा गणों के अधिपति है । आप गणनाथ को नमस्कार है ।

एकदन्तं महाकायं तप्तकाञ्चनसन्निभम् लम्बोदरं विशालाक्षं वन्देऽहं गणनायकम् ॥

भावार्थ :

एक दाँतवाले, महान् शरीरवाले, तपाये गये सुवर्ण के समान कान्तिवाले, लम्बे पेटवाले और बड़ी-बड़ी आँखोंवाले गणनायक गणेश की मैं वन्दना करता हूँ ।

मात्रे पित्रे च सर्वेषां हेरम्बाय नमो नमः । अनादये च विघ्नेश विघ्नकर्त्रे नमो नमः ॥

भावार्थ :

सबके माता और पिता हेरम्ब को बारम्बार नमस्कार है । हे विघ्नेश्वर ! आप अनादि और विघ्नों के भी जनक हैं , आपको बार-बार नमस्कार है ।

लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम् । अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूहविनाशनम् ॥

भावार्थ :

जो महापराक्रमी, लम्बोदर, सर्पमय यज्ञोपवीत से सुशोभित, अर्धचन्द्रधारी और विघ्न-समूह का विनाश करनेवाले हैं, उन गणपतिदेव की मैं वन्दना करता हूँ ।

गुरुदराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय । गोप्याय गोपिताशेषभुवनाय चिदात्मने ॥

भावार्थ :

जो भारी पेटवाले, गुरु, गोप्ता (रक्षक), गूढ़स्वरुप तथा सब ओर से गौर हैं, जिनका स्वरूप और तत्त्व गोपनीय हैं तथा जो समस्त भुवनों के रक्षक हैं, उन चिदात्मा आप गणपति को नमस्कार है ।

विश्वमूलाय भव्याय विश्वसृष्टिकराय ते । नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुणिडने ॥

भावार्थ :

जो विश्व के मूल कारण, कल्याणस्वरूप, संसार की सृष्टि करनेवाले, सत्यरूप, सत्यपूर्ण तथा शुण्डधारी हैं, उन आप गणेश को बारम्बार नमस्कार है ।